मैक्स वेबर
मैक्स वेबर (1864 -1920)- जर्मनी
मैक्स वेबर
एक जर्मन समाजशास्त्री थे।
मैक्स वेबर को आधुनिक
समाजशास्त्र
का दूसरा संस्थापक माना जाता है क्योंकि ये भी समाजशास्त्र को विज्ञान
बनाना चाहते थे। दुर्खीम सहित मैक्स वेबर को आधुनिक समाजशास्त्र को एक
विशिष्ट सामाजिक विज्ञान के रूप में प्रतिष्ठित करने वाला प्रवर्तक
समाजशास्त्री माना जाता है।जहाँ
दुर्खीम
ने समाजशास्त्र को तत्कालीन प्रत्यक्षात्मक विज्ञान के रूप में स्थापित
करने का प्रयास किया ,वहां
वेबर ने समाजशास्त्र को एक व्याख्यात्मक और अंतर्निरीक्षणात्मक
विज्ञान बनाने पर बल दिया।
मैक्स वेबर को मार्क्स का भूत कहा जाता है क्योंकि ये मार्क्स के विचारों
से बहुत ज्यादा प्रभावित थे तथा जीवनपर्यन्त मार्क्स के विचारों से द्वंद्व
करते रहे। मैक्स वेबर के सभी सिद्धांतों में
मार्क्स की झलक दिखलाई पड़ती है। इनकी सभी कृतियां जर्मन भाषा में लिखी हुई हैं
जिनका अंग्रेजी में अनुवाद पारसन्स ने किया। इनका अधिकांश लेखन कार्य
शोध-पत्र ,लेख ,व्याख्यान,और वार्ता के रूप में है। वेबर के समाजशास्त्र को
निर्वचनात्मक
समाजशास्त्र तथा बोधपूर्ण समाजशास्त्र कहा जाता है। वेबर
प्रत्यक्षवाद
का खंडन करते हैं। इन्होने मार्क्स के आर्थिक
निर्धारणवाद का भी खंडन किया है।
वेबर समाजशास्त्र में सामाजिक क्रिया के पीछे के उद्देश्य को जानने के लिए
पद्धतिशास्त्र का प्रयोग करते हैं।
मैक्स वेबर की कृतियां -
1-Economy and Society
2-The Protestant Ethics and the spirit of Capitalism -(1905)
3-The Religion of India
4-The Religion of China
5-The Theory of Social and Economic Organisation
6-Ancient Judaism
7-Economic Sociology
8-Sociology of Religion
9-Essays in Sociology
10-The Agrarian Sociology of Ancient Civilizations
11-The City
12-Basic Concepts in Sociology
13-The History of Commercial Partnerships in the Middle Ages
14-German Sociology
मैक्स वेबर द्वारा प्रतिपादित प्रमुख अवधारणाएं -
१-मूल्य विमुख समाज की अवधारणा
२-पुश्तैनीवाद
३-दोषारोपण या लांछना का सिद्धांत
४-वर्स्टेहन पद्धति
५-आदर्श पद्धति ,प्रारूपवादी पद्धति
६-धर्म का तुलनात्मक अध्ययन
७-प्रोटेस्टेन्ट नैतिकता तथा पूंजीवाद की प्रकृति
८-धर्म और आर्थिकी
९-नौकरशाही
१०-तार्किक दृष्टिकोण
११-अधिकारी तंत्र
१२-स्तरीकरण शक्ति सिद्धांत
१३-प्रस्थिति विशेष
१४-नेतृत्व की समाजशास्त्रीय अवधारणा का विकास
१५-शक्ति और सत्ता की अवधारणा
१६-कानून का समाजशास्त्र
१७-धर्म का समाजशास्त्र
१८-सूक्ष्म समाजशास्त्र
१९-परम्परा और आधुनिकता
२०-शक्ति की कुल योग की अवधारणा
२१-धार्मिक नैतिकता
२२-सामाजिक वर्ग और स्थिति
२३-पारलौकिकता
२४-कुलीनतंत्र का लौह नियम
२५-नौकरशाही की निष्पक्षता का प्रथम विचार
२६-प्रस्थिति समूह की अवधारणा
वेबर बहुकारकीय सिद्धांत में विश्वास करता है तथा केल्विनवाद में
रूचि रखता है और सामाजिक परिवर्तन के जैविकीय सिद्धांत का विरोध करता
है।
मैक्स वेबर के सिद्धांत
१-सामाजिक क्रिया का सिद्धांत
२-शक्ति एवं सत्ता का सिद्धांत
३-सामाजिक परिवर्तन या धर्म का समाजशास्त्र या पूंजीवाद का सिद्धांत
४-आदर्श प्रारूप
५-स्तरीकरण का सिद्धांत
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